लखीसराय और किउल के बीच बनने बाली पुल निर्माण का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर कमलो के द्वारा विधिवत्त शिलान्यास पर ग्रहण लग गया है बताया जा रहा है कि पुल का निर्माण सरकारी रिकोर्ड महकमे लिस्ट से गायब हो गया हैे और यह पुल दुसरे जगह स्थानतंरण की खबर पर सियासी और पब्लिकी दावपेंच फंसने के बाद सियासती ताज गरमा गई है जिस कारण कई समाजसेवी कार्यकताओं के द्वारा सवा लाख बाबा मंदिर किउल के प्रांगण में पुल निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण एक बैठक अहम बुलायी गई है जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रूप से समाजसेवी ने की है इन बैठक में सभी के निर्णय के आलोक में जिला अधिकारी को ज्ञापन सौपने और पुल के सटे पुल निर्माण नही होने और दुसरे जगह स्थानंतरण पुल करने के विरोध मे जन आंदोलन की चेतावनी देने पर निर्णय लिया गया है। जबकि समाजसेवी राजद नेता प्रेम सागर कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के द्वारा पुल निर्माण को लेकर शिलान्यास की बुनियाद रखी गई थी इसके अलावे कई विकास कार्याे का भी किया गया है लेकिन उस लिस्ट मे किउल और लखीसराय जोडने वाली पुल गायब है इसका लिस्ट में कोई ज्रिक नही है इस पुल निर्माण से किउल और लखीसराय, चानन, सूर्यगढ़ा और विभिन्न पर्यटकों को आने और जाने के लिए सुविधा के साथ साथ्ज्ञ समय और लंबी दुरी कम होती है और सुविधा अधिक प्रदान होती है ।
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लखीसराय /किउल पुल सरकारी रिकोर्ड से गायब
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